Students के लिए संस्कृति Class 10 Important Questions काफी महत्वपूर्ण होने वाले हैं| ये NCERT book के questions उन्हें exam point of view से सक्षम बनाएँगें ताकि वे अच्छे नंबरों से पास हो सकें|

Important Questions and Answers for Chapter 12 Sanskriti Class 10 Hindi Kshitiz

1. सभ्यता को संस्कृति का परिणाम क्यों कहा गया है?

Solution

संस्कृति से उत्पन्न होने के कारण सभ्यता को संस्कृति का परिणाम कहा जाता है। संस्कृति मानव कल्याण करती है, और सभ्यता से हम भोजन, व्यवहार और जीवन जीने की कला सीखते हैं।

2. संस्कृति कब असंस्कृति बन जाती है?

Solution

संस्कृति तब होती है जब यह आविष्कार मानव कल्याण की भावना से जुड़ता है, लेकिन जब आविष्कार करने की क्षमता का उपयोग विनाश करने के लिए किया जाता है, तो यह संस्कृति असंस्कृति बन जाती है। संस्कृति मानवता के कल्याण के लिए होती है और उसके विकास और ज्ञान का मार्ग प्रशस्त करती है, जबकि असंस्कृति मानवता को बर्बाद करती है।

3. संस्कृत व्यक्ति की कौन-सी विशेषताएँ बताई गई हैं?

Solution

संस्कृत व्यक्ति सदैव व्यस्त रहता है। वह अपने विवेक और बुद्धि के द्वारा निरंतर नवीन खोजों और अध्ययनों में लगा रहता है। वह संस्कृत व्यक्ति कहलाता है क्योंकि वह अपनी क्षमता के बल पर नई खोजें करता है।

4. ‘संस्कृति’ पाठ में लेखक के अनुसार सभ्यता क्या है?

Solution

संस्कृति पाठ के अनुसार सभ्यता का विकास संस्कृत से ही होता है। सभ्यता, संस्कृति का ही परिणाम है। हमारे खाने-पीने, ओढ़ने-पहनने, गमन-आगमन के साधन, परस्पर कट-मरने के तरीके और बहुत कुछ और सब हमारी सभ्यता का हिस्सा हैं। सभ्यता बाहरी संस्कार है और संस्कृति अंदरूनी संस्कार है। लेखक का कहना है कि संस्कृति ही सभ्यता का मूल है।

5. आत्म-विनाश के साधनों का आविष्कार कराने की मानव की योग्यता को हम उसकी संस्कृति कहें या असंस्कृति और क्यों?

Solution

जब मानव का ज्ञान आत्मविनाश के साधनों का आविष्कार करने लगता है, तो वह संस्कृति नहीं रहकर असंस्कृति बन जाता है क्योंकि संस्कृति मानव कल्याण से जुड़ी है और जो आविष्कार मानव का अहित, वह संस्कृति नहीं हो सकता है।

6. रात के तारों को देखकर न सो सकने वाले मनीषी को प्रथम पुरस्कर्ता क्यों कहा गया है?

Solution

रात के तारों को देखकर सो नहीं सकने वाले मनीषी को पहला पुरस्कार दिया गया है क्योंकि वह भूखा और शरीर ढँका होने पर भी खाली नहीं बैठा और तारों से भरे मोती के थाल के रहस्य को खोजने में लगा रहा।

7. पेट भरना या तन ढँकना मनुष्य की संस्कृति की जननी क्यों नहीं है?

Solution

पेट भरना या तन ढँकना मनुष्य की संस्कृति की जननी नहीं है क्योंकि यह ज्ञान मनुष्य को अपने पूर्वजों से मिला है, जबकि संस्कृत व्यक्ति नए ज्ञान की खोज करता है।

8. ‘संस्कृति’ पाठ का लेखक कल्याण की भावना को ही संस्कृति और सभ्यता का महत्वपूर्ण तत्व मानता है- स्पष्ट कीजिए।

Solution

सभ्यता संस्कृति से उत्पन्न होती है। संस्कृति लोगों में सब कुछ त्याग देने की भावना का जन्म देती है और मानव से किसी नई वस्तु का आविष्कार कराती है है। इसमें हमेशा जनकल्याण का भाव होता है। मानव कल्याण के लिए महात्मा बुद्ध ने अपना राजपाठ छोड़कर शांति की प्रतिष्ठा की, ताकि तृषित लोग खुश रहें। कार्ल मार्क्स ने भी अपना सारा जीवन संघर्ष में बिताया, ताकि मजदूर वर्ग खुश रहे। यही कारण है कि लोक कल्याण का भाव भारतीय संस्कृति और सभ्यता का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिससे यह अटूट है।

9. प्रज्ञा और मैत्री भाव किस नए तथ्य के दर्शन करवा सकता है और उसकी क्या विशेषता है?

Solution

प्रज्ञा और मैत्री भाव किसी नए तथ्य का दर्शन करा सकता है, जिसकी रक्षा के लिए दलबंदियों की आवश्यकता होती है। जिस संस्कृति को प्रज्ञा दिखाती है, वह अविभाज्य है।

10. आपके विचार से सुई-धागे का आविष्कार क्यों हुआ होगा?

Solution

आवश्यकता ही आविष्कार करती है। मानव ने सुई-धागे का आविष्कार करने का प्रयास तब किया होगा जब उसने शीत से बचने और अपने शरीर को सजाने का विचार किया होगा। मानव की इस आवश्यकता ने सुई-धागे का आविष्कार करने की प्रेरणा दी।

11. ‘संस्कृति’ पाठ के आधार पर दो उदाहरणों का उल्लेख कीजिए जिनके आधार पर लेखक ने संस्कृति का स्वरूप समझाया है।

Solution

लेखक भदंत आनंद जी ‘संस्कृति के स्वरूप को समझाने के लिए निम्नलिखित उदाहरण देते हैं-

योग्यता, प्रवृत्ति या प्रेरणा की वजह से आग और सुई-धागे बनाए गए यही व्यक्ति-विशेष की संस्कृति है। नई चीज़ की खोज संस्कृत व्यक्ति ही कर सकता है। किसी व्यक्ति की विवेक और बुद्धि ही किसी नए तथ्य की खोज करता है।
संस्कृति ही मानव से किसी नई वस्तु का आविष्कार कराती है और उनमें लोक कल्याण और सर्वस्व त्याग की भावना भरती है। संस्कृति मन की भावनाओं का उन्नत संस्करण है, जिसमें धैर्य और परोपकार शामिल हैं। संस्कृति आंतरिक अनुभूति है।

12. आग के आविष्कार के पीछे मानव की कौन-सी प्रेरणा रही होगी? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

Solution

मानव जीवन में आग एक बहुत महत्वपूर्ण खोज रही है। मानव के पेट की ज्वाला ही आग के आविष्कार की प्रेरणा होगी। आग के आविष्कार ने मानव-जीवन और सभ्यता को बदलकर रख दिया। इसके बाद लोग माँस भूनकर खाने लगे। आग से प्रकाश भी मिला, और कड़कड़ाती शीत में आग का ताप राहत भी देता था। आग के आविष्कार से मानव जीवन सरल, आसान और सभ्य हुआ। इसलिए आग को “अग्निदेवता” कहा जाता है।

13. संस्कृति पाठ के लेखक की दृष्टि में भूखे को भोजन देने वाले, श्रमिकों और पीड़ित मानवता के उद्धारक भी संस्कृत व्यक्ति हैं। इस बात से आप कहाँ तक सहमत हैं। स्पष्ट कीजिए।

Solution

संस्कृति पाठ के लेखक ने कहा कि जो लोग भूखे लोगों को भोजन देते हैं, श्रमिकों को बचाते हैं और पीड़ित मानवता को बचाते हैं, वे वास्तव में संस्कृत व्यक्ति हैं क्योंकि उनके कार्यों में मानव कल्याण की भावना निहित है। जिस आविष्कार या कार्य में आत्मविनाश के साधनों को बढ़ावा न मिले, वह कभी संस्कृत नहीं हो सकता। संस्कृत लोग सिर्फ अपने बारे में नहीं सोचते, बल्कि व्यापक हित की ओर देखते हैं।

14. ‘संस्कृति’ पाठ में संस्कृति का मूल तत्त्व किसे माना गया है? उसके अभाव में संस्कृति क्या कहलाती है? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।

Solution

संस्कृति का मूल तत्व मानव कल्याण की भावना है। संस्कृति को असंस्कृति कहा जाएगा अगर उसमें कल्याण की भावना नहीं होगी।मानव संस्कृति अविभाज्य है। इसके मूल में छिपी मानव-कल्याण की भावना से जन्मी सभ्यता से हमारे रहन-सहन और विकास का पता चलता है। सभ्यता और संस्कृति दो अलग-अलग वस्तुएँ होने पर भी एक-दूसरे से अभिन्न रूप से जुड़ी हैं। इनके मूल में मानव कल्याण है।